हिस्सा-9 आसमानी किताबें
हज़रत मुहीउद्दीन इब्ने अरबी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का क़ौल है कि क़ुर्आन में, 70000 उलूम हैं
📕 क्या आप जानते हैं,सफह 210
क़ुर्आन में तमाम सूरतों की तरतीब हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने खुद फरमाई सिवाये सूरह इंफाल के,इसको हज़रत उस्मान गनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने अपने इज्तेहाद से सूरह एराफ के बाद और सूरह तौबा से पहले रखा और सूरह तौबा के शुरू में बिस्मिल्लाह शरीफ ना लिखना भी आपका इज्तेहाद ही था,इस पर हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने आपसे 2 सवाल किये पहला ये कि सूरह एराफ और सूरह तौबा दोनों की आयतें 100 से ज़्यादा हैं और सूरह इंफाल में 75 आयतें तो आपने इस छोटी सूरह को दोनों के बीच क्यों रखा दूसरा हर सूरह से पहले आपने बिस्मिल्लाह शरीफ लिखवाया मगर सूरह तौबा से पहले नहीं लिखा गया इसकी क्या वजह है तो हज़रत उस्मान गनी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि मुझे इसमें शुबह हो गया कि सूरह इंफाल और सूरह तौबा कहीं एक ही सूरह ना हो क्योंकि दोनों के मज़ामीन काफी मिलते जुलते हैं इसलिए मैंने इंफाल को तौबा से मिला दिया और चुंकि शुबह था इसलिए दोनों के अलग अलग नाम रख दिए मगर बीच में बिस्मिल्लाह शरीफ ना लिखी
📕 क्या आप जानते हैं,सफह 228
क़ुर्आन में मौला शहद की मक्खी और हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की मां के बारे में फरमाता है कि अल्लाह ने उनकी तरफ वही की तो ये वही इलहाम की सूरत में थी,अब नबियों पर जो वही होती है उसकी 3 सूरतें हैं पहला बिना फरिश्तों के बिज़्ज़ाते खुद अल्लाह के कलाम को सुन्ना जैसा कि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने कोहे तूर पर और हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने मेराज शरीफ में कलामे रब्बानी सुना दूसरा फरिश्तों के ज़रिये कलाम का आना और तीसरा नबियों के दिलों में कलाम का माने इल्क़ा कर देना यानि बिना किसी ज़रिये के खुद बखुद उनको मालूम हो जाना या ख्वाब के ज़रिये बताना
📕 उम्दतुल क़ारी,जिल्द 1,सफह 47
📕 तकमीलुल ईमान,सफह 41
इस्लामी महीनों में सिर्फ रमज़ान मुबारक का ज़िक्र सराहतन क़ुर्आन में आया है
📕 तफसीरे नईमी,जिल्द 2,सफह 217
इब्लीस जिन्नो की जिंस से था तो जिन्नों में से सिर्फ इब्लीस का नाम ही क़ुर्आन में आया है
📕 अलइतकान,जिल्द 2,सफह 181
क़बीलों में से 7 क़बीलों के नाम मज़कूर हैं 1.याजूज 2.माजूज 3.आद 4.समूद 5.मदयन 6.क़ुरैश 7.रूम,इसी तरह 7 क़ौमो का भी ज़िक्र है 1.क़ौमे नूह 2.क़ौमे लूत 3.क़ौमे तबअ 4.क़ौमे इब्राहीम 5.क़ौमे मदयन 6.क़ौमे समूद,7.असहाबुल उख्दूद
📕 अलइतकान,जिल्द 2,सफह 181
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