हिस्सा-2 आसमानी किताबें (Aasmani Kitabe) क़ुर्आन मुक़द्दस क़ुर्आन मजीद फुरकाने हमीद का नुज़ूल 2 बार हुआ पहली बार लौहे महफूज़ से आसमाने दुनिया क...
हिस्सा-2
आसमानी किताबें (Aasmani Kitabe)
क़ुर्आन मुक़द्दस
क़ुर्आन मजीद फुरकाने हमीद का नुज़ूल 2 बार हुआ पहली बार लौहे महफूज़ से आसमाने दुनिया के बैतुल इज़्ज़त यानि बैतुल मामूर में एकबारगी नाज़िल कर दिया गया ये नुज़ूल रमज़ानुल मुबारक की शबे क़द्र में हुआ,फिर दूसरी बार 23 साल के अर्से में हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर हस्बे ज़रूरत थोड़ा थोड़ा नाज़िल होता रहा,इसमें से बाज़ आयतें या सूरतें 2 बार भी नाज़िल हुई जैसे सूरह फातिहा वगैरह,
📕 अलइतक़ान,जिल्द 1,सफह 35
📕 तफसीरे नईमी,जिल्द 1,सफह 10
क़ुर्आन करीम का नुज़ूल इंजील के 500 साल बाद हुआ
📕 शरह अक़ायद,हाशिया 4,सफह 101
क़ुर्आन का नुज़ूल सिर्फ हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम के ज़रिये ही हुआ है कभी कोई दूसरा फरिश्ता क़ुर्आन लेकर नहीं आया,हां मगर कुछ सूरतें और आयतें ऐसी है जिसमे हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम के साथ फरिश्तों की एक भारी जमात भी हाज़िर हुई जैसे सूरह इनआम के साथ 70000 फरिश्ते सूरह फातिहा के साथ 80000 फरिश्ते सूरह यूनुस के साथ 30000 फरिश्ते सूरह कहफ के साथ 70000 फरिश्ते आयतल कुर्सी के साथ 30000 फरिश्ते और एक रिवायत में है कि सूरह बक़र की हर आयत के साथ 80 फरिश्ते नाज़िल हुए
📕 अलइतक़ान,जिल्द 1,सफह 35
📕 मवाहिबुल लदुनिया,जिल्द 1,सफह 44
📕 जलालैन,हाशिया 3,सफह 215
क़ुर्आन के नुज़ूल की इब्तिदा 17 रमज़ान पीर के दिन से हुई
📕 ज़रक़ानी,जिल्द 1,सफह 207
सबसे पहली आयत इक़रा बिस्मि रब्बिक और सबसे आखिर में वत्तकु यौमन तुरजऊन फीही इलल्लाह है
📕 तफसीरे सावी,जिल्द 1,सफह 3
क़ुर्आन में 114 सूरह हैं जिनमे 83 मक्का में नाज़िल हुई और 31 मदीना में
📕 अलइतक़ान,जिल्द 1,सफह 64
क़ुर्आन में कितनी आयतें हैं इनमे कई क़ौल हैं,6000 पर सबका इज्माअ है मगर इख्तिलाफ इसके ऊपर है बाज़ 6204 बाज़ 6214 बाज़ 6229 बाज़ 6225 और बाज़ 6500 बताते हैं,हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से 6616 मन्क़ूल है जबकि आलाहज़रत अज़ीमुल बरक़त 6236 फरमाते हैं
📕 अलइतक़ान,जिल्द 1,सफह 67-89
📕 तफसीरे जमल,जिल्द 1,सफह 5
इसी तरह क़ुर्आन के कलिमात में भी बाज़ अक़वाल हैं,77934 या 77437 या 77277 या 70439 का क़ौल भी आया है
📕 अलइतक़ान,जिल्द 1,सफह 93
क़ुर्आन के हुरूफ के बारे में कई क़ौल मौजूद हैं,हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की रिवायत के मुताबिक़ हुरूफ की तादाद 323671 है वहीं हज़रते मुजाहिद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के मुताबिक़ 321180 है हज़रते फज़्ल बिन अता 323015 फरमाते हैं,हज्जाज बिन यूसुफ ने अपने ज़माने में क़ारियों से उसकी गिनती कराई तो सबने बा इत्तेफाक़ 340740 बताया,और तिब्रानी में हज़रते फारूक़े आज़म रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के मुताबिक़ 1027000 हुरूफ हैं मगर ये तादाद उन आयतों और सूरतों को भी शुमार है जिनका हुक्म मंसूख हो चुका है
📕 अलइतक़ान,जिल्द 1,सफह 70--93
क़ुर्आन में नबियों के नाम से 6 सूरह है सूरह यूनुस सूरह हूद सूरह यूसुफ सूरह इब्राहीम सूरह नूह और सूरह मुहम्मद
📕 कंज़ुल ईमान
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