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हिस्सा-1 Deeni Malumat in Hindi शादी (Shadi)

हिस्सा-1 शादी

हिस्सा-1

शादी

        अल्लाह ने मर्द में औरत की तरफ और औरत में मर्द की तरफ रग़बत ख्वाहिश और दिलचस्पी पैदा की,दोनों में एक दूसरे की ज़रूरत और चाहत रखी और दोनों की ज़िन्दगी बग़ैर एक दूसरे के अधूरी और ना मुकम्मल है,मगर जिंसी ख्वाहिशात को पूरा करने के लिए इंसान को जानवरों की तरह आज़ाद नहीं छोड़ा गया कि जिसके साथ चाहे अपनी ज़रूरत पूरी कर ली बल्कि शरीयते इस्लामिया ने जो दायरा बनाया उसको निकाह कहते हैं,निकाह नाम है इजाबो क़ुबूल का कि दो गवाहों के सामने एक ने कह दिया कि मैंने तुमको अपने निकाह में लिया दूसरे ने कहा कि मैंने क़ुबूल किया निकाह मुनक़्क़िद हो गया,निकाह सिर्फ इसी का नाम है मगर दुनिया ने इसको कहां से कहां पहुंचा दिया,सालों पहले से ऐसी तैयारियां शुरू होती हैं मानो एक दूसरे को बर्बाद करने की मुहिम छिड़ी हो,लड़की पैदा हुई उसकी शादी होना है 20 साल बाद मगर घर वाले अभी से ही घुले जा रहे हैं अभी से ही उसके नाम से f.d कर दी गई है,अल्लाह की दी हुई नेमत को मुसलमानों ने अपने ऊपर अज़ाब बना डाला,हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि

Deni Malumat in Hindi 

सबसे ज़्यादा बरकत वाला निकाह वो है जिसमे खर्च कम हो
📕 मिश्कात,जिल्द 2,सफह 268

इस्लामी हिस्ट्री उठाकर देखिये कि क्या नबी भी किसी के घर 300 बाराती लेकर गए थे क्या किसी सहाबी की बारात में 200 लोग थे या किसी ताबईन की बारात में 100 लोग ही गए हों और फिर उनको नाश्ता कराया गया हो फिर खाना खिलाया गया हो तब कहीं निकाह हुआ हो ऐसी कोई एक भी रिवायत दिखाई जाए,और बस यही नहीं बल्कि उस पर से जहेज़ का हाल ये कि खुद के घर में चाहे खाने के लाले पड़े हों मगर फ्रिज वाशिंग मशीन एयर कंडीशन और बाइक तो चाहिए ही चाहिए,जहेज़ लेने वाले कहते हैं कि जहेज़ देना सुन्नत है तो याद रखें कि हुज़ूर ने जो जहेज़ अपनी बेटी को दिया उससे आज के इस जहेज़ की कोई मुनासिबत ही नहीं ,वो ज़रूरत के सामान थे और आज ऐशो आराम और रुपयों की नुमाईश के सिवा कुछ नहीं,कुल मिलाकर बस ये समझ लीजिए कि भिखारी अपना स्टैंडर्ड बदल कर बारात लेकर पहुंच रहा है और देने वाला अपने रुपयों की नुमाइश कर रहा है,ना दीन का कुछ ख्याल रहा और ना शरीयत का कुछ लिहाज़ फिर भी हम मुसलमान हैं,और कुछ घरों का हाल तो ये हो गया है कि लड़कियां अगर चे घर में बैठी बैठी बूढी हो जाएं खुद घरवाले मगर रिश्ता करने  में इतनी नुक्ता चीनी करते हैं कि अल्लाह की पनाह,हदीसे पाक में आता है कि

जब ऐसे शख्स का पैग़ाम आये जिसका दीन और अखलाक़ अच्छा हो तो उससे निकाह कर दो वरना ज़मीन पर फितनये अज़ीम पैदा होगा
📕 तिर्मिज़ी,जिल्द 1,सफह 128

हम हैं तो मुसलमान मगर सिर्फ नाम के अगर अमल के मुसलमान होते तो क्या ऐसा करते मुलाहज़ा फरमाएं
 

बेहतरीन महर वो है जिसे अदा करना इंतिहाई आसान हो
📕 अबु दाऊद,जिल्द 2,हदीस 2117

मगर हमारे यहां महर महर नहीं बोझ होता है एक लाख दो लाख पचास हज़ार बहुत जगोंह पर तो बरात वापस चली जाती


शादी में आतिश बाज़ी करना हराम है
📕 रद्दे बिदआत व मुंकिरात,सफह 326

अगर किसी के यहां आतिश बाज़ी ही ना हुई तो मानो मय्यत की तरह सूना सूना रह गया
 

ग़ैर महरम की तरफ देखना मर्दो औरत दोनों को हराम है
📕 रद्दुल मुख्तार,जिल्द 5,सफह 258
 

मगर हमारे यहां जब तक रतजगा सलाम कराई और जूता चुराई ना हो तब तक शादी कहां मानी जाती है
 

बाजे ताशे हराम हैं
📕 बुखारी,जिल्द 2 ,सफह 837

मगर हम तो डी.जे बजायेंगे और अपने घर की औरतों से मुजरा भी करवायेंगे 

मर्द को मेंहदी लगाना हराम है
📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 9,सफह 412

मेंहदी क्या चीज़ है अजी हम तो कंगन भी पहनाते हैं और दूल्हे को दुपट्टा भी उढ़ाते हैं

सोने की अंगूठी मर्द को पहनना नाजायज़ है और चांदी की भी सिर्फ एक वो भी 4.3 ग्राम से कम की
📕 अहकामे शरीयत,हिस्सा 2,सफह 170

मगर हम तो इसका उल्टा ही करेंगे 

मस्जिद में औरतों का नमाज़ पढ़ने के लिए जाना मना है
📕 मुस्लिम,जिल्द 1,सफह 183

मगर हमारे घर की औरतें मस्जिदों में गुलगुला रखने जाती हैं
हां रस्मो में कुछ जायज़ भी हैं जैसे दूल्हा दुल्हन को उबटन लगाना अगर ना महरम ना हों और सतरपोशी का ख्याल रखा जाए तो जायज़,युंही डाल की रसम की कुछ कपड़े वग़ैरह भेजे जाते हैं जायज़,दूल्हे का सिर्फ फूलों का सेहरा पहना जायज़

क्या क्या कहूं,ये बहस इतनी लंबी चौड़ी है कि दो चार सतरों में बात खत्म ही नहीं हो सकती,बस इतना समझ लीजिए कि ये बीमारी कोढ़ की तरह हमारे मुआशरे को तबाहो बर्बाद कर रही है,फिर मुसलमान कहता है कि हम बहुत परेशान हैं रोज़ी की किल्लत है बच्चे बात नहीं सुनते कुछ वज़ीफा बता दीजिए,आप खुद सोचें कि इतना सारा हराम काम करते हुए क्या कोई वज़ीफा या कोई अमल मुसलमान को फायदा पहुंचा सकता है नहीं और हरगिज़ नहीं,अगर फायदा चाहते हों तो पहले अपना और अपने घर का माहौल बदलकर इस्लामी तहज़ीब में आ जाएं,इस मसले पर अल्लामा ततहीर अहमद बरेलवी का रिसाला "ब्याह शादी के बढ़ते हुए अखराजात" पढ़ा जाए बहुत मुफीद होगा

Be Continuee .... .  हिस्सा-2                                                      

 

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नाम

"235 वाँ उर्से जमाली मुबारक हो",1,आसमानी किताबें (Aasmani Kitabe),10,आसमानी किताबें 4 Aasmani Kitabe,1,इस्तेखारये ग़ौसिया,1,इस्लामिक महीना,7,एतेक़ाफ,1,क्‍या नमाज़ में कुरआन शरीफ देखकर किराअत kiraat करने से नमाज टूट जाएगी?,1,ज़कात zakat,1,नमाज़े तरावीह़,1,पांच वक़्त की नमाज़ जमाअत से पढ़ने की फ़ज़ीलत,1,फ़र्ज़,1,मुस्‍तहब,1,रमज़ान मुबारक,2,रमज़ान मुबारक RAMADAN MUBARAK,2,रमज़ानुल मुबारक,1,व मुबाह का ताअरूफ,1,वज़ाइफे ग़ौसिया,1,वाजिब,2,वित्र_किसे_कहते_हैं?,1,शबे क़द्र,1,सदक़ये फित्र,1,सलातुल ग़ौसिया,1,सुन्नत,2,abdul qadir jilani ghous pak ko mohiyuddin kyo kehte hai,1,abdul qadir jilani ghous pak kon hai,1,allah wala,8,attahiyat-Tashahhud,1,Deni Malumat in Hindi,9,Does namaz mean prayer?,1,Fazilat,1,full namaz,4,haraam-kise-kehte-hai-or-namaz-rakat,1,Hiqayat,1,history,1,huzur abdul qadir jilani ghous pak k naam,1,huzur abdul qadir jilani ghous pak ka waqia,1,iblees,1,Is Shab-e-Barat 2 days?,1,islam symbol,4,islami sawal jawab,1,Islamic Haq Baat,2,jab gunah ho jaye to kya kare,1,kiraat-rukoo-sajda-meaning,1,Kya F.D. or Plicy per zakat farz hai,1,Masail e Zakat,1,Mustafa ka gharana salamat rahe,1,Naat Lyrics,3,namaz,2,namaz k faraiz,1,namaz k faraiz aur wajibat,1,namaz kayam karo,1,namaz ki shart o ka bayan,1,namaz ki sunnate wajibat mustahab,1,namaz ko jamat se padhna or 5 waqt ki namaj ka bayan (what is namaz?) Part-11,1,namaz me hath kaha bandhna chahiye,1,namaz nahi padhne walo ka anzam,1,Orto ke zever per zakat ka sharai ahkam,1,RAMADAN MUBARAK,2,ramzan mubarak,1,sadkaye fitra,1,shabe barat ki duwa or namaj ka tarika,1,takbire tehrima,1,Urs e jamali,1,wajib meaning,2,What do we pray in namaz?,1,What does namaz mean?,1,what is farz,2,What is namaz called in English?,1,What should we do during Shab-e-Barat?,1,what-is-qaida-e-akhirah,1,Which night is Shab-e-Barat?,1,zakat kis per farz hai,1,
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