एक साहब से एक गुनाह हो गया, हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की बारगाह में हाज़िर हो कर अर्ज़ की उस पर ये आयत नाज़िल हुई, जिसका मफहूम यह है कि.....
what is namaz?
जब गुनाह हो जाए तो क्या करे?
हिस्सा-03
ह़दीस:---- इब्ने मस्ऊद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि
एक साहब से एक गुनाह हो गया, हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की बारगाह में हाज़िर हो कर अर्ज़ की उस पर ये आयत नाज़िल हुई, जिसका मफहूम यह है कि
नमाज़ क़ायम करो, बेशक नेकियाँ गुनाहों को दूर करती हैं, ये नसीहत है, नसीहत मानने वालों के लिए
📕📚 पारा 12 सूरह हूद आयत 114
तफसीर:- उन्होंने अर्ज़ की या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम! क्या ये ख़ास मेरे लिए है? हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया,, मेरी सब उम्मत के लिए,
नमाज पढने वालो का ईनाम?
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो श़ख्स फजर की नमाज़ पढ़ता है और फिर ज़ुहर नमाज़ पढ़ता है और गुनाहे कबीरा से बचने की कोशिश भी करता है तो फजर से ज़ुहर के दरमियान के तमाम गुनाहों को अल्लाह तआला नमाज़ पढ़ने के सबब से माफ़ फरमा देता है, इसी तरह जब असर की नमाज़ पढ़ता है तो ज़ुहर असर के दरमियान के तमाम गुनाहों को माफ़ फरमा देता है फिर जब मगरिब पढ़ता है तो असर मगरिब के दरमियान के तमाम गुनाहों को माफ़ फरमा देता है, इसी तरह इशा फजर और जुम्अ से जुम्अ तक एक रमज़ान से दूसरे रमज़ान तक तमाम गुनाहों को मिटा देता है जो इन के दरमियान हों"
کتاب الطہارۃ، باب الصلوۃ الخمس
ह़दीस:---- अब्दुल्ला इब्ने मस्ऊद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु कहते हैं कि
"मैंने हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से सवाल किया कि या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम आमाल में अल्लाह तआला के नज़दीक सबसे ज़्यादा महबूब क्या है? हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया वक्त के अन्दर नमाज़ पढ़ना, मैंने अर्ज़ की फिर क्या? फरमाया माँ बाप के साथ नेकी करना, मैंने अर्ज़ की फिर क्या? फरमाया राहे खुदा में जिहाद करना"
📕📚सही बुख़ारी श़रीफ़ जिल्द 1 सफह 196 ह़दीस 527کتاب مواقیت الصلوۃ، باب الصلوۃ کفارۃ
अल्लाह के नज़दीक महबूब क्या चीज़ है?
"ह़दीस:- एक साहब ने हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से अर्ज़ की या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इस्लाम में सबसे ज़्यादा अल्लाह के नज़दीक महबूब क्या चीज़ है? हुज़ूर ने इरशाद फरमाया वक्त में नमाज़ पढ़ना और जिसने नमाज़ छोड़ दी उसका कोई दीन नहीं, नमाज़ दीन का सुतून है"
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम सरदियों के मौसम में बाहर तशरीफ ले गए आपके साथ ह़ज़रते अबू ज़र रज़ियल्लाहु तआला अन्हु भी थे, पतझड़ का ज़माना था हुज़ूर ने दो टहनियाँ पकड़ लीं तो पत्ते गिरने लगे हुज़ूर ने फरमाया अए अबू ज़र! मैंने अर्ज़ की या रसूल अल्लाह मैं हाज़िर हूँ! हुज़ूर ने इरशाद फरमाया मुसलमान बंदा जब अल्लाह के लिए नमाज़ पढ़ता है तो उसके गुनाह ऐसे गिरते हैं जैसे दरख़्त से पत्ते"
للأمام أحمد بن حنبل، مسند الأنصار، حدیث أبي ذر الغفاری،
घर में वुज़ू गुस्ल कर के फर्ज़ अदा करने वाले का सवाब?
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो श़ख्स अपने घर में वुज़ू गुस्ल कर के फर्ज़ अदा करने के लिए मस्जिद को जाता है, तो एक क़दम पर एक गुनाह मिटा दिया जाता है, दूसरे पर एक दरजा बलंद होता है"
کتاب المسجد-- ألخ، باب المشی ألی الصلوۃ
बच्चे सात साल के हो जाऐं तो, उन्हे क्या हुक्म दे?
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जब तुम्हारे बच्चे सात साल के हो जाऐं तो उन्हें नमाज़ का हुक्म दो, और जब दस साल के हो जाएं तो मार कर नमाज़ पढ़ाओ"
کتاب الصلوۃ، باب متی ئومر الغلام، بالصلاۃ،
जन्नतों के दरवाज़े किसके लिए खोल दिए जाते है?
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया बंदा जब नमाज़ के लिए खड़ा होता है, उसके लिए जन्नतों के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं और उसके और परवरदिगार के दरमियान हिजाब हटा दिये जाते हैं, और ह़ुरैं उसका इस्तक़बाल करती हैं"
للمنذری، کتاب الصلوۃ، الترھیب من البصاق فی المسجد،
सबसे पहले क़यामत के दिन किसका हिसाब लिया जायेगा?
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि सबसे पहले क़यामत के दिन बन्दे से नमाज़ का ह़िसाब लिया जायेगा, अगर ये दुरुस्त हुई तो बाक़ी आमाल भी ठीक रहेंगे और अगर ये बिगड़ी तो सभी बिगड़े"
📕📚المعجم الأوسط،، للطبرانی، باب الألف، الحدیث ۱۸۵۹ جلد ۱ صفحہ ۵۰۶
मुसलमान यदि जहन्नम में गया तो उसके साथ क्या होगा?
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो मुसलमान जहन्नम में जायेगा उसके पूरे बदन को आग खायेगी सिवा आज़ाऐ सुजूद के अल्लाह तआला ने उनका खाना आग़ पर ह़राम कर दिया"
अल्लाह तआला के नज़दीक बंदे की ये ह़ालत सबसे ज़्यादा पसंद है
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया अल्लाह तआला के नज़दीक बंदे की ये ह़ालत सबसे ज़्यादा पसंद है कि उसे सजदा करता देखे कि वह अपना मुंह ख़ाक पर रगड़ रहा है"
📕📚المعجم الأوسط ،،للطبرانی،، باب المیم، الحدیث،۶۰۷۵ جلد ۴ صفحہ ۳۰۷
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया हर सुबह व शाम ज़मीन का एक टुकड़ा दूसरे टुकड़े को पुकार कर पूछता है कि आज तुझ पर कोई नेक बंदा गुज़रा जिसने तुझ पर नमाज़ पढ़ी, या ज़िक्र इलाही किया? ज़मीन के जिस टुकड़े पर किसी बंदे ने नमाज़ पढ़ी होगी, वह टुकड़ा कहेगा हां मुझ पर एक बंदे ने नमाज़ या ज़िक्रे ईलाही किया है तो वह ज़मीन का टुकड़ा नमाज़ पढ़ने के सबब से अपने ऊपर बुजुर्गी तसव्वुर करता है"
📕📚अल मोअजमुल अवसत़ जिल्द 1 सफह 171 ह़दीस नं 562
जो गुनाह पहले किया है वह माफ़ हो गया
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जिस ने वुज़ू किया जैसा हुक्म है और नमाज़ पढ़ी जैसी नमाज़ का हुक्म है, तो जो गुनाह पहले किया है वह माफ़ हो गया"
کتاب الطہارۃ باب من توضأکما أمر،
अल्लाह के लिए एक सजदा करने वालेे का ईनाम
"ह़दीस:- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो अल्लाह के लिए एक सजदा करता है, उसके लिए एक नेकी लिखता है और एक गुनाह माफ़ करता है और एक दरजा बलंद करता है"
للأمام أحمد بن حنبل، مسند الأنصار، حدیث أبي ذر الغفاری،
तन्हाई में 2 रकाअत नमाज़ पढ़ने वालेे का ईनाम
"ह़दीस:--- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो तन्हाई में 2 रकाअत नमाज़ पढ़े कि अल्लाह तआला और फरिश्तों के सिवा कोई न देखे, तो वह जहन्नम से आज़ाद कर दिया जाता है"
📕📚कंज़ुल उम्माल जिल्द 7 सफह 125 ह़दीस 19015, کتاب الصلوۃ
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🌹والله تعالیٰ اعلم بالصواب🌹
हिस्सा-02 to be continued.... हिस्सा-04
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