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रमज़ान मुबारक RAMADAN MUBARAK हिस्सा_08

रमज़ान मुबारक

रमज़ान मुबारक

 हिस्सा_08

ज़कात

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कंज़ुल ईमान – ऐ ईमान वालो तुम पर रोज़े फर्ज़ किये गए जैसे अगलों पर फर्ज़ हुए थे कि कहीं तुम्हें परहेज़गारी मिले,गिनती के दिन हैं,तो तुम में जो कोई बीमार या सफर में हो इतने रोज़े और दिनों में रखे,और जिन्हे इसकी ताक़त ना हो वो बदला दें एक मिस्कीन का खाना,फिर जो अपनी तरफ से नेकी ज़्यादा करे,तो वो उसके लिए बेहतर है और रोज़ा रखना तुम्हारे लिए ज़्यादा भला है अगर तुम जानो,रमजान का महीना जिसमे क़ुर्आन उतरा लोगों के लिए हिदायत और रहनुमाई और फैसले की रौशन बातें तो तुम में जो कोई ये महीना पाये ज़रूर इसके रोज़े रखे,और जो बीमार या सफर में हो तो इतने रोज़े और दिनों में, अल्लाह तुम पर आसानी चाहता है और तुम पर दुशवारी नहीं चाहता और इसलिए कि तुम गिनती पूरी करो,और अल्लाह की बड़ाई बोलो इस पर कि उसने तुम्हें हिदायत की और कहीं तुम हक़ गुज़ार हो.और ऐ महबूब जब तुमसे मेरे बन्दे मुझे पूछें तो मैं नज़दीक हूं,दुआ क़ुबूल करता हूं पुकारने वाले की जब मुझे पुकारें,तो उन्हें चाहिये मेरा हुक्म मानें और मुझ पर ईमान लायें कि कहीं राह पायें.रोज़े की रातों में अपनी औरतों के पास जाना तुम्हारे लिए हलाल हुआ,वो तुम्हारा लिबास है और तुम उनके लिबास,अल्लाह ने जाना कि तुम अपनी जानों को खयानत में डालते थे तो उसने तुम्हारी तौबा क़ुबूल की और तुम्हें माफ फरमाया,तो अब उनसे सोहबत करो,और तलब करो जो अल्लाह ने तुम्हारे नसीब में लिखा हो,और खाओ और पियो यहां तक कि तुम्हारे लिए ज़ाहिर हो जाये सफेदी का डोरा स्याही के दौरे से,फिर रात आने तक रोज़े पूरे करो,और औरतों को हाथ ना लगाओ जब तुम मस्जिदों में एतेकाफ से हो,ये अल्लाह की हदें हैं उनके पास ना जाओ अल्लाह युंही बयान करता है लोगों से अपनी आयतें कि कहीं उन्हें परहेज़गारी मिले.

📕 पारा 2,सूरह बक़र,आयत 183-187


तफसीर


ऐ ईमान वालो तुम पर रोज़े फर्ज़ किये गये ---- मर्द व हैज़ो निफास से पाक औरत सुबह सादिक़ से ग़ुरूब आफताब तक इबादत की नियत से खाना पीना और सोहबत छोड़ दे इसको शरह में रोज़ा कहते हैं-ये भी मालूम हुआ कि ये इबादत क़दीमा है यानि तमाम अंबिया अलैहिस्सलाम की शरीयत में फर्ज़ होते चले आये हैं अगर चे उनके अय्यामो एहकाम मुख्तलिफ रहे हों,रोज़ा रखने से इंसान मुत्तक़ी व परहेज़गार बन जाता है


तो तुम में जो कोई बीमार या सफर में हो --- सफर से मुराद 92.5 किलोमीटर है यानि कोई इतनी दूरी का सफर करे तो उसके लिए रुख्सत है कि अगर दुश्वारी हो तो रोज़ा ना रखे मगर चुंकि अब आज के ज़माने में दुश्वारी कहां 500 किलोमीटर भी जाना हो तो ए.सी कार में बैठे और निकल गये लिहाज़ा उल्मा फरमाते हैं कि रोज़ा रखे लेकिन अगर ना भी रखेगा तो गुनहगार ना होगा क्योंकि रुख्सत का हुक्म है,युंही ऐसा बीमार जो रोज़ा रखेगा तो उसका मर्ज़ बढ़ जायेगा या बीमार तो नहीं है मगर दिन भर भूखा प्यासा रहेगा तो मर्ज़ हो जायेगा या ऐसी औरत जो बच्चों को दूध पिलाती हो तो ऐसों को रोज़ा ना रखने की रुख्सत है वो बाद में अपने रोज़ों की क़ज़ा करें,ऐसा मरीज़ जिसके अच्छा होने का अंदेशा ना हो या ऐसा बूढ़ा जिसको फिर से सेहत मिलने की उम्मीद ना हो उनको रोज़ा ना रखने की इजाज़त है मगर इस सूरत में उन्हें हर रोज़े के बदले 2 किलो 47 ग्राम गेहूं की कीमत बतौर फिदिया अदा करना होगा,लेकिन फिदिया अदा कर दिया और मौला तआला ने अगले रमज़ान से पहले उसको सेहत अता कर दी तो उसका फिदिया नफ़्ल हो जायेगा अब उसको रमज़ान के रोजों की क़ज़ा करनी होगी युंही अगर जिसके पास फिदिया अदा करने की इस्तेताअत ना हो तो वो अस्तग़फार करता रहे

📕 खज़ाईनुल इरफान,सफह 32-33

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मसाइले ज़कात


🌹والله تعالیٰ اعلم بالصواب🌹


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"235 वाँ उर्से जमाली मुबारक हो",1,आसमानी किताबें (Aasmani Kitabe),10,आसमानी किताबें 4 Aasmani Kitabe,1,इस्तेखारये ग़ौसिया,1,इस्लामिक महीना,7,एतेक़ाफ,1,क्‍या नमाज़ में कुरआन शरीफ देखकर किराअत kiraat करने से नमाज टूट जाएगी?,1,ज़कात zakat,1,नमाज़े तरावीह़,1,पांच वक़्त की नमाज़ जमाअत से पढ़ने की फ़ज़ीलत,1,फ़र्ज़,1,मुस्‍तहब,1,रमज़ान मुबारक,2,रमज़ान मुबारक RAMADAN MUBARAK,2,रमज़ानुल मुबारक,1,व मुबाह का ताअरूफ,1,वज़ाइफे ग़ौसिया,1,वाजिब,2,वित्र_किसे_कहते_हैं?,1,शबे क़द्र,1,सदक़ये फित्र,1,सलातुल ग़ौसिया,1,सुन्नत,2,abdul qadir jilani ghous pak ko mohiyuddin kyo kehte hai,1,abdul qadir jilani ghous pak kon hai,1,allah wala,8,attahiyat-Tashahhud,1,Deni Malumat in Hindi,9,Does namaz mean prayer?,1,Fazilat,1,full namaz,4,haraam-kise-kehte-hai-or-namaz-rakat,1,Hiqayat,1,history,1,huzur abdul qadir jilani ghous pak k naam,1,huzur abdul qadir jilani ghous pak ka waqia,1,iblees,1,Is Shab-e-Barat 2 days?,1,islam symbol,4,islami sawal jawab,1,Islamic Haq Baat,2,jab gunah ho jaye to kya kare,1,kiraat-rukoo-sajda-meaning,1,Kya F.D. or Plicy per zakat farz hai,1,Masail e Zakat,1,Mustafa ka gharana salamat rahe,1,Naat Lyrics,3,namaz,2,namaz k faraiz,1,namaz k faraiz aur wajibat,1,namaz kayam karo,1,namaz ki shart o ka bayan,1,namaz ki sunnate wajibat mustahab,1,namaz ko jamat se padhna or 5 waqt ki namaj ka bayan (what is namaz?) Part-11,1,namaz me hath kaha bandhna chahiye,1,namaz nahi padhne walo ka anzam,1,Orto ke zever per zakat ka sharai ahkam,1,RAMADAN MUBARAK,2,ramzan mubarak,1,sadkaye fitra,1,shabe barat ki duwa or namaj ka tarika,1,takbire tehrima,1,Urs e jamali,1,wajib meaning,2,What do we pray in namaz?,1,What does namaz mean?,1,what is farz,2,What is namaz called in English?,1,What should we do during Shab-e-Barat?,1,what-is-qaida-e-akhirah,1,Which night is Shab-e-Barat?,1,zakat kis per farz hai,1,
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