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वित्र_किसे_कहते_हैं? vitra kisse kehte hai or some important islamic questions and answer

जानते हो वित्र में हम हर रोज़ अल्लाह से एक वादा करते हैं और वो वादा भी इबादत की सबसे आखरी एक रकअत में होता है

वित्र_किसे_कहते_हैं?

vitra kisse kehte hai or some important islamic questions and answer

जानते हो वित्र में हम हर रोज़ अल्लाह से एक वादा करते हैं और वो वादा भी इबादत की सबसे आखरी एक रकअत में होता है दुआए क़ुनुत का तरजुमा पढीये और जानीये कि हम अल्लाह से क्या क्या वादे करते हैं.

الّٰلھُمَّ اِنَّا نَسْتَعِیْنُکَ ۔۔۔ 
अय अल्लाह ! हम सिर्फ तुझ ही से मदद मांगते हैं-
وَنَسْتَغْفِرُکَ ۔۔۔
और तेरी मग़फिरत तलब करते हैं-
وَنُؤْمِنُ بِکَ ۔۔۔ 
और तुझ पर ईमान लाते हैं-
وَنَتَوَکَّلُ عَلَیْکَ ۔۔۔
और तुझ पर ही तवक्कुल करते हैं-
وَنُثْنِیْ اِلَیْکَ الْخَیْر ۔۔۔ 
और तेरी अच्छी तारीफ करते हैं-
وَنَشْکُرُکَ ۔۔۔ 
और हम तेरा शुक्र अदा करते हैं-
ولا نَکْفُرُکَ ۔۔۔ 
और हम तेरा इनकार नहीं करते-
وَنَخْلَعُ ۔۔۔ 
और हम अलग करते हैं-
وَنَتْرُکَ مَنْ یّفْجُرُکَ ۔۔۔ 
और हम छोड़ देते हैं उसको जो तेरी नाफरमानी करे-
اللھُمَّ ایّاکَ نَعْبُدُ ۔۔۔ 
अय अल्लाह ! हम खास तेरी ही इबादत करते हैं-
وَلَکَ نُصَلّیْ ۔۔۔ 
और तेरे लिए नमाज़ पढ़ते हैं-
وَنَسْجُدُ ۔۔۔ 
और हम तुझे सज्दा करते हैं-
وَاِلَیْکَ نَسْعٰی ۔۔۔ 
और हम तेरी तरफ दौड़ कर आते हैं-
وَنَحْفِدُ ۔۔۔ 
और हम तेरी खिदमत में हाज़िर होते हैं-
 وَ نَرْجُوا رَحْمَتَکَ ۔۔۔
और हम तेरी रहमत की उम्मीद रखते हैं-
وَنَخْشٰی عَذَابَکَ ۔۔۔ 
और हम तेरे अज़ाब से डरते हैं-
انّ عَذَابَک بِالْکُفّارِ مُلْحِقْ ۔۔۔ 
बेशक तेरा अज़ाब काफिरों को पहुंचने वाला है-


कभी कभी कुछ बातें बड़ी देर से पता चलती है, या शायद पता तो होती हैं लेकिन उनकी अस्ल से, उनके राज़ से वाक़िफ होने का भी कोई वक़्त, कोई लम्हा होता है- सारा इल्म किताबों में तो नहीं होता ना कुछ दिलों पर उतरता है- दिल भी वो जो अल्लाह ﷻ के नूर और उसके रसूल ﷺ की मुहब्बत से भरे हों- जो अल्लाहﷻ के हुक्म को सुनते ही कोई दलील ना मांगें बस आमन्ना और सद्दक़्ता कह दें- 


 हम हर रोज़ الله سبحانہ وتعالی से वादा करते हैं सोने से पहले....
मगर  कितने नादान हैं सुबह होते ही सब कुछ भुला देते हैं-

क्या हम हक़ीक़तन जानते हैं कि नमाज़े वित्र दुआए क़ुनूत الله سبحانہ تعالی से एक वादा है एक मुआहिदा है? 

और क्या हम उसे पूरा करते हैं ?

या पूरा करने के बारे में सोचते हैं

दिन की बातें लोगों तक पहुचाना भी सदका है ,इस मैसेज को खूब शेयर करें और साथ ही अहम सवालात भी पेश करते है:-

vitra kesse kehte hai


सवाल--- जवाब

Question & Answer

सवाल 1.  क्या मर्द घर में रमज़ान के आखिरी अशरे का एतेक़ाफ़ कर सकता है जवाब इनायत करें महरबानी होगी?
जवाब -  मर्द के लिए एतेक़ाफ़ घर में करना जायज़ नहीं कियोंकि एतेक़ाफ़ के लिए मस्जिद शर्त है- अल्लाह तआला के लिए मस्जिद में नियत के साथ ठहरने को एतेक़ाफ़ कहते हैं, एतेक़ाफ़ की दो शर्तें हैं
1- पहली शर्त मस्जिद होना
2- दूसरी शर्त एतेक़ाफ़ करने वाले का मुसलमान, आक़िल और जनाबत से पाक होना और औरत है तो उस का हैज़ वो निफास से पाक होना भी शर्त है अलबत्ता बालिग़ होना शर्त नहीं बल्कि नाबालिग बच्चा जो तमीज़ और समझ रखता हो तो एतेक़ाफ़ कर सकता है, एतेक़ाफ़ हर मस्जिद में जायज़ है अलबत्ता मस्जिद जमाअत यानि एसी मस्जिद जिस में इमाम मुअज़्ज़िन मुक़र्रर हों अगर चेह पांचों वक्त की जमाअत न होती हो उस में एतेक़ाफ़ ज़्यादा मुनासिब है
📕📚दुर्रे मुख़्तार व रद्दुल मुह़तार जिल्द 3 सफह 429
📕📚रोज़े के ज़रुरी मसाइल सफह 101
📕📚बहारे शरीयत जिल्द 1 हिस्सा 5 सफह 1020

________________

सवाल 2.  एक सवाल अर्ज़ है कि रोज़े की ह़ालत में आंखों में दवा डाल सकते हैं कि नहीं, जवाब इनायत करें महरबानी होगी-?
जवाब-  रोज़े की ह़ालत में आंखों में दवा डालने में कोई ह़रज नहीं इस से रोज़ा नहीं टूटेगा
📕📚शामी जिल्द 2 सफह 395

_____________

सवाल 3. सवाल रात में आंखें नहीं खुली जिस की वजह से सेहरी नहीं खा पाये तो क्या बगैर सेहरी के रोज़ा रख सकते हैं?

जवाब-  सेहरी खाना सुन्नत है और रोज़ा रखना फर्ज़ है अब आप ही बतायें अगर सुन्नत छूट जाये तो क्या फर्ज़ भी छोड़ देंगे- अगर सेहरी में आंख न खुले तो भी बगैर सेहरी के रोज़ा रखना जायज़ है,

📕📚फतावा फैज़ुर रसूल जिल्द 1 सफह 513

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सवाल 4. रोज़े की ह़ालत में इतर खुश्बू लगा सकते हैं कि नहीं ?
जवाब - रोज़े की ह़ालत में इतर लगाना, तेल लगाना बाल तरशवाना, बाम लगाना, वैसलीन या क्रीम लगाना, तेल की मालिश करना, यह सब जायज़ हैं, इन सब चीजों से रोज़ा नहीं टूटता है

📕📚फतावा मरकज़ी दारुल इफ़्ता बरेली शरीफ़ सफह 357

____________

सवाल 5. रमज़ान की रातों में हम अपनी बीवी से सोहबत हमबिस्तरी कर सकते हैं कि नहीं, जवाब इनायत करें-?
जवाब - रमज़ानुल मुबारक की रातों में बीवी से हमबिस्तरी करना जायज़ है

📕📚पारा 2 सूरह बक़रा आयत नं 187

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सवाल 6.  साल में कौन कौन से दिन रोज़ा नहीं रख सकते-?

जवाब - ईद के दिन,और बक़रा ईद के दिन और बक़रा ईद की  11-12-13- जिलहिज्ज को रोज़ा रखना मकरुहे तह़रीमी है, यानि इन दिनों का रोज़ा रखना जायज़ नहीं
📕📚बहारे शरीयत जिल्द 1 हिस्सा 5 सफह 967
📕📚फतावा हिन्दिया जिल्द जिल्द 1 सफह 193
📕📚दुर्रे मुख़्तार व, रद्दुल मुह़तार किताबुस्सोम जिल्द 3 सफह 388-392-

सवाल 7. अगर कोई रमज़ान का रोज़ा नहीं रखा तो क्या उस को भी सदक़ये फ़ित्र अदा करना पड़ेगा या नहीं? 
जवाब - जो शख्स रोज़ा न रखे उस पर भी सदक़ये फ़ित्र वाजिब है कियोंकि सदक़ये फ़ित्र के वुजूब के लिए रोज़ा रखना शर्त नहीं
📕📚शामी जिल्द 2 सफह 76
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सवाल 8. अगर कोई शख्स नापाकी ह़ालत में रोज़ा रख ले और पूरा दिन गुज़र जाए तो क्या उस का रोज़ा माना जायेगा कि नहीं?
जवाब- नापाकी की ह़ालत में भी रोज़ा दुरुस्त हो जायेगा, पर इतनी देर नापाक रहना जिस से नमाज़ क़ज़ा हो जाये यह ह़राम है वह शख्स नमाज़ें छोड़ने के सबब सख्त गुनहगार होगा, 
📕📚फ़तावा रज़विया शरीफ़ जिल्द 4 सफह 615
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सवाल 9. एक सवाल अर्ज़ है कि खाने पीने के लिए एतेक़ाफ़ करना कैसा है, हमारे यहाँ जो एतेक़ाफ़ बैठता है उस को खाने के लिए बहुत मिलता है कुछ लोग इसी लालच में बैठते हैं इसके बारे में बतायें कुछ-? 
जवाब----- खाने पीने के लिए एतेक़ाफ़ न किया जाए बल्कि एतेक़ाफ़ सिर्फ ज़िक्रे इलाही के लिए किया जाए
📕📚मलफ़ूज़ाते आला ह़ज़रत हिस्सा 1 सफह 86/87
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सवाल 10. मस्जिद में सोना कैसा है कुछ लोग मस्जिद में नमाज़ पढ़ कर सो जाते हैं ऐसा करना चाहिए कि नहीं?
जवाब - मस्जिद में सोना जायज़ नहीं है मगर जो एतेक़ाफ़ की नियत कर ले फिर कुछ देर के लिए ज़िक्रे इलाही में मशगूल हो जाए फिर उसके बाद सोना चाहे तो सो सकता है
📕📚फतावा आलमगीरी जिल्द 5 सफह 321-- کتاب الکراھیتہ، باب اداب المسجد، والقبلتہ-- الخ
📕📚रद्दुल मुह़तार अला दुर्रे मुख़्तार जिल्द 2 सफह 525--- کتاب الصلوۃ، باب ما یفسد الصلوۃ، وما یکرہ فیھا
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सवाल 11. किया एतेक़ाफ़ में बैठने वाला शख्स मस्जिद में ही दीनी मसाइल ब्यान कर सकता है-?
जवाब - बिलकुल मोतकिफ़ एतेक़ाफ़ के दौरान दीनी मसाइल ब्यान कर सकता है इस में कोई ह़रज नहीं
📕📚फ़तावा नूरिया जिल्द 2 सफह 283/286
📕📚एतेक़ाफ़ के मसाइल सफह 24

  اَلصَّــلٰوةُوَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَارَسُوْلَ اللّٰهﷺ

सवाल 12. हमारे गाँव में एक मस्जिद है फजर नमाज़ के बाद इमाम और चंद मुक़तदी मस्जिद में ही बैठते हैं और अपना दुख सुख सुनते सुनाते हैं और भी दुनियावी बातें करते हैं और दीनी मस्अला वगैरह भी पूछ लेते हैं और उन्हीं मुक़तदी लोगों में एक आदमी खैनी बनाता है दो चार मेन्ट गुफ्तगू के बाद सब लोग खैनी खा कर अपने अपने घर चले जाते हैं क्या इस तरह करना सही है,जवाब इनायत करें?
जवाब :- मस्जिद में दीनी मसाइल की तालीम की तो इजाज़त है जबकि उस पर मुअल्लिम उजरत ना लेता हो और अगर तालीम पर उजरत लेता हो तो उसको भी मस्जिद में उसकी इजाज़त नहीं,इसी तरह मस्जिद में दुख सुख सुनने सुनाने की भी बिलकुल इजाज़त नहीं,उलमा ए कराम फरमाते हैं कि मुबाह़ बातें भी मस्जिद में करने की इजाज़त नहीं,और खैनी में एक क़िस्म की बदबू होती है लिहाज़ा उसकी भी इजाज़त नहीं,,खैनी तो खैनी उलमा फरमाते हैं कि,मस्जिद में कच्चा लहसुन या प्याज़ खाना या खा कर जाना जायज़ नहीं जब तक उसकी बू बाकी हो,फरिशतों को उस से तकलीफ होती है,आला ह़ज़रत फतावा रज़विया शरीफ जिल्द 6 सफह 403 में फरमाते हैं कि मस्जिद में दुनिया की बातें नेकियों को इस तरह खाती है जैसे चौपाये घास को,हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि आखिर ज़माने में कुछ लोग होंगे जो मस्जिद में दुनिया की बातें करेंगे अल्लाह को उन लोगों से कुछ काम नहीं,,और जो लोग मस्जिद में दुनिया की बातें करते हैं उनके मुँह से वो गंदगी बदबू निकलती है जिस से फरिश्ते अल्लाह अज़्ज़वजल के हुज़ूर उनकी शिकायत करते हैं,लिहाज़ा मस्जिद में दुख दर्द सुनना सुनाना खैनी खाना, दुनिया की बातें करना हरगिज़ जायज़ नहीं,सबको इस से बाज़ आना चाहिए।
📕बहारे शरीयत हिस्सा 3 सफह 154
📕फतावा रज़विया शरीफ जिल्द 6 क़दीम सफह 403

सवाल 13. मेरा सवाल ये है कि क़ुरआन शरीफ मोबाइल में है अब अगर मोबाईल से ही पढ़ना है तो वज़ू करें या वज़ू के बगैर भी पढ़ सकते हैं,हम ओफिस में काम करते हैं जब भी टाइम मिलता है क़ुरआन पढ़ना चाहता हूँ,वज़ू के लिए इंतिज़ाम नहीं है बाहर जाना पड़ेगा?
जवाब :- बगैर वज़ू के भी जायज़ है,लेकिन बेहतर है कि वज़ू कर लें,मोबाईल स्क्रीन पर बलास्टिक या शीशे का गिलाफ होता है इसलिए उसे बे वज़ू भी छूना जायज़ है।
📕मोबाईल फोन के ज़रुरी मसाइल,सफह 154

सवाल 14. एक शख्स ने अपनी बीवी के लिए तलाक़ नामा लिखा और उस में अपनी बीवी के बजाए उसकी बहन का नाम लिखा और ज़बान से कहता है कि मैंने अपनी बीवी को तलाक दी है तो उसकी बीवी पर तलाक पड़ी की नहीं?
जवाब :- वह अपनी ज़बान से कहता है कि मैंने अपनी बीवी को तलाक दी तो उसकी बीवी पर तलाक पड़ गयी अगर चे वो तलाक नामा में अपनी बीवी की बहन का नाम लिखा,,इद्दत गुज़ारने के बाद दूसरा निकाह कर सकती है।
📕फतावा फिक़्ह मिल्लत जिल्द 2 सफह 1

सवाल 15. क्या ये बात सही है कि काबा शरीफ के ऊपर से अगर कोई बीमार परिंदा गुज़र जाये तो उसे शिफा मिल जाती है,अगर सही है तो किसी किताब का हवाला भी मिल जाए तो ज़्यादा बेहतर होगा?
जवाब :- हां ये बात बिलकुल सही है,वहाँ की ह़वा से उसकी बीमारी दूर हो जाती है।
📕सावी जिल्द 1 सफह 150
📕मख़ज़ने मालूमात सफह 124, क़िबलतैन का बयान

सवाल 16. अल्लाह तआला को अल्लाह मियां कहना चाहिए कि नहीं,बहुत लोग मियां कहते हैं?
जवाब :- अल्लाह तआला को अल्लाह मियां नहीं कहना चाहिए, बल्कि अल्लाह तआला ही कहें, मियां के तीन माना है एक तो है 1, मौला 2 शौहर 3 ज़िना का दलाल,तो दो माना सही नहीं है रब की शान में ऐसे अलफ़ाज़ ना बोला जाये जिसका माना गलत हो।
📕अलमलफूज़ हिस्सा 1 सफह 116
📕मख़ज़ने मालूमात सफह 21
📮पोस्ट जारी रहेगी इन्शा अल्लाह.




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"235 वाँ उर्से जमाली मुबारक हो",1,आसमानी किताबें (Aasmani Kitabe),10,आसमानी किताबें 4 Aasmani Kitabe,1,इस्तेखारये ग़ौसिया,1,इस्लामिक महीना,7,एतेक़ाफ,1,क्‍या नमाज़ में कुरआन शरीफ देखकर किराअत kiraat करने से नमाज टूट जाएगी?,1,ज़कात zakat,1,नमाज़े तरावीह़,1,पांच वक़्त की नमाज़ जमाअत से पढ़ने की फ़ज़ीलत,1,फ़र्ज़,1,मुस्‍तहब,1,रमज़ान मुबारक,2,रमज़ान मुबारक RAMADAN MUBARAK,2,रमज़ानुल मुबारक,1,व मुबाह का ताअरूफ,1,वज़ाइफे ग़ौसिया,1,वाजिब,2,वित्र_किसे_कहते_हैं?,1,शबे क़द्र,1,सदक़ये फित्र,1,सलातुल ग़ौसिया,1,सुन्नत,2,abdul qadir jilani ghous pak ko mohiyuddin kyo kehte hai,1,abdul qadir jilani ghous pak kon hai,1,allah wala,8,attahiyat-Tashahhud,1,Deni Malumat in Hindi,9,Does namaz mean prayer?,1,Fazilat,1,full namaz,4,haraam-kise-kehte-hai-or-namaz-rakat,1,Hiqayat,1,history,1,huzur abdul qadir jilani ghous pak k naam,1,huzur abdul qadir jilani ghous pak ka waqia,1,iblees,1,Is Shab-e-Barat 2 days?,1,islam symbol,4,islami sawal jawab,1,Islamic Haq Baat,2,jab gunah ho jaye to kya kare,1,kiraat-rukoo-sajda-meaning,1,Kya F.D. or Plicy per zakat farz hai,1,Masail e Zakat,1,Mustafa ka gharana salamat rahe,1,Naat Lyrics,3,namaz,2,namaz k faraiz,1,namaz k faraiz aur wajibat,1,namaz kayam karo,1,namaz ki shart o ka bayan,1,namaz ki sunnate wajibat mustahab,1,namaz ko jamat se padhna or 5 waqt ki namaj ka bayan (what is namaz?) Part-11,1,namaz me hath kaha bandhna chahiye,1,namaz nahi padhne walo ka anzam,1,Orto ke zever per zakat ka sharai ahkam,1,RAMADAN MUBARAK,2,ramzan mubarak,1,sadkaye fitra,1,shabe barat ki duwa or namaj ka tarika,1,takbire tehrima,1,Urs e jamali,1,wajib meaning,2,What do we pray in namaz?,1,What does namaz mean?,1,what is farz,2,What is namaz called in English?,1,What should we do during Shab-e-Barat?,1,what-is-qaida-e-akhirah,1,Which night is Shab-e-Barat?,1,zakat kis per farz hai,1,
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Islam Religion History: वित्र_किसे_कहते_हैं? vitra kisse kehte hai or some important islamic questions and answer
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जानते हो वित्र में हम हर रोज़ अल्लाह से एक वादा करते हैं और वो वादा भी इबादत की सबसे आखरी एक रकअत में होता है
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