हिस्सा-04 शाने ग़ौसे आज़म _____________ आपने ऐसी करामतें तो बहुत सी सुनी होगी कि फलां के यहां औलाद नहीं होती थी और फलां बुज़ुर्ग की दुआ ...
हिस्सा-04
शाने ग़ौसे आज़म
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आपने ऐसी करामतें तो बहुत सी सुनी होगी कि फलां के यहां औलाद नहीं होती थी और फलां बुज़ुर्ग की दुआ से औलाद हुई,मगर क्या कभी ऐसी कोई करामत सुनी है कि पैदा हुई लड़की को ही लड़का कर दिया हो,और वो भी किसको,खुद सोहरवर्दी सिलसिले के बानी हज़रत शैख शहाब उद्दीन सोहरवर्दी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का वाक़िया है,पढ़िये
10.आपके वालिद हज़रत शेख मुहम्मद कुरैशी के यहां कोई औलाद नहीं थी,आप जब बिल्कुल मायूस हो गए तो आपकी बीवी ने मश्वरा दिया कि हुज़ूर ग़ौसे पाक रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की बारगाह में हाज़िर होकर उनसे दुआ कराई जाये अब यही एक रास्ता है,फिर क्या था बारगाहे ग़ौसियत में हाज़िर हुए और दुआ की दरख्वास्त की आपने मुराक़बा किया और फरमाया कि बहुत जल्द तुम्हे एक बेटा अता होगा,वक़्त गुज़रा और कुछ महीनो बाद आपके घर एक लड़की पैदा हुई घर में खुशियां चहक उठी कि चलो औलाद तो हुई,जब हुज़ूर ग़ौसे पाक रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को खबर दी गयी तो आपने फरमाया कि जाकर ठीक से देखो वो लड़की नहीं लड़का है,अब घर जाकर देखते हैं तो वाक़ई वो लड़की लड़का हो गई फिर आपको इत्तेला कराई गई तो हुज़ूर ग़ौसे पाक रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि ये बहुत मुबारक बच्चा है इसका नाम शहाब उद्दीन रखना,इसकी उम्र लंबी होगी चुंकि ये लड़की से लड़का हुआ है सो इसके बाल और पिस्तान दराज़ होंगे और इससे एक नया सिलसिला चलेगा_
📕 महफिले औलिया,सफह 224
11. हुज़ूर ग़ौसे आज़म रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि एक रात मैंने ख्वाब देखा कि मैं एक शीर-ख्वार बच्चा हूं और उम्मुल मोमेनीन सय्यदना आईशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा मुझे अपनी आग़ोश में लेकर दूध पिला रहीं हैं तभी हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम तशरीफ ले आयें और फरमाया कि "ऐ आईशा ये हमारा हक़ीक़ी बेटा है" सरकारे आलाहज़रत रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने इस रिवायत को सही और मुस्तनद करार दिया है_
📕 क़लाएदुल जवाहर,सफह 140
12.आपकी शान और अज़मत ये भी है कि आने वाला हर महीना पहले आपकी बारगाह में हाज़िर होता फिर ज़माने पर आता अगर आने वाले महीने में लोगों के लिए खैर होती तो अच्छी सूरत में हाज़िरी देता और अगर लोगों के लिए मुसीबत आने वाली होती तो बुरी शक्ल में हाज़िरी देता,युंही एक मर्तबा एक शख्स खूबसूरत चेहरे वाला हाज़िर हुआ और फरमाया कि मैं रमज़ान शरीफ हूं और मैं आपसे रूखसत लेने के लिए आया हूं कि अब आईन्दा आपसे मुलाक़ात नहीं होगी,उसी साल रबीउल आखिर में आपने विसाल फरमाया और रमज़ान मुबारक आपने ना पाया
📕 फतावा करामाते ग़ौसिया,सफह 38
13. आपके 99 नाम हैं
📕 तारीखुल औलिया,सफह 26
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